देवता निमंत्रण
यह गीत मंगल कार्य सिद्धि की कामना हेतु सभी देवताओं को आमंत्रित करने के लिए गणेश पूजा के बाद गाया जाता है। हर कार्य में सभी देवताओं को आमंत्रित किया जाता है, अतः यह गाया जाना आवश्यक है। सभी देवताओं से आने और आशीर्वाद देने की कामना की जाती है।
इस गीत में ब्राम्हण को देवता आमंत्रण की कार्यविधि, वेद मंत्रों के लिए बुलाया जाता है। गीत में प्रयुक्त ज्योशी ज्यू, ज्योतिषी का सम्बोधन है जो कार्य का शुभ मुहूर्त, लगन सुझाता है। सुहागिनियाँ कर्म गीत गाने को बुलायी जाती है।देवता निमंत्रण भी इन्ही कर्म गीतों में से एक है। कामिनी दीया जलाने वालों के लिए प्रयुक्त किया जाता है। मालिनी फूल व मालाओं के कार्य से जुड़ी औरतों को कहा जाता है। भ्यूरिया माली को कहते है जो दूब लाता है। ये दूब गणेश पूजा व देवता निमंत्रण में आवश्यक है। धिवरिनी मछेरियां हैं जो शकुन के रूप में पानी लाती हैं। अहिरनी व गुजरिनी ग्वालिन होती हैं।
इस गीत में ब्राम्हण को देवता आमंत्रण की कार्यविधि, वेद मंत्रों के लिए बुलाया जाता है। गीत में प्रयुक्त ज्योशी ज्यू, ज्योतिषी का सम्बोधन है जो कार्य का शुभ मुहूर्त, लगन सुझाता है। सुहागिनियाँ कर्म गीत गाने को बुलायी जाती है।देवता निमंत्रण भी इन्ही कर्म गीतों में से एक है। कामिनी दीया जलाने वालों के लिए प्रयुक्त किया जाता है। मालिनी फूल व मालाओं के कार्य से जुड़ी औरतों को कहा जाता है। भ्यूरिया माली को कहते है जो दूब लाता है। ये दूब गणेश पूजा व देवता निमंत्रण में आवश्यक है। धिवरिनी मछेरियां हैं जो शकुन के रूप में पानी लाती हैं। अहिरनी व गुजरिनी ग्वालिन होती हैं।
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