शकुनाखर

कर्म गीत, कुमाऊँ में विभिन्न रीतियों में गाए जाने वाले गीत हैं। इन्हें गाए जाने का तरीक़ा विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकता है। शकुनाखर शगुन के अक्षर हैं जो मंगल अवसर पर गाए जाते हैं। शकुनाखर या शकुनाक्षर अक़्सर सभी कर्मों में गाए जाते हैं। ये शुभ कार्य की शुरुआत में गाए जाते हैं। 

मंगल काज

अधिकतर महिलायें ये गीत गाया करती हैं। कुमाऊँ में इन महिलाओं को "गिदारी" कहते हैं। जब भी घर में कोई शुभ कार्य होता है तो ये गिदारी ब्राम्हण की तरह आमंत्रित की जाती हैं।

कुछ रीतियाँ और कर्म इस प्रकार हैं :
1) नामकर्म
2) यज्ञोपवीत संस्कार (व्रतबंध)
3) विवाह
4) नवग्रह पूजन
5) सत्यनारायण कथा
6) गृह प्रवेश
आदि...

शकुनाखर में भगवान से सभी कार्य शुभ होने की प्रार्थना की जाती है और उन्हें बधाइयाँ दी जाती हैं।

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