गणेश पूजा
प्रत्येक शुभ कार्य गणपति पूजा से आरम्भ होता है।इस पूजा में भगवान गणपति की आराधना की जाती है तथा सर्वकार्य सिद्धि की कामना की जाती है।
यह कर्म गीत प्रत्येक मंगल कार्य में शकुनाखर के बाद गाया जाता है।
पृथक कार्यों के लिए लोग बुलाए जाते हैं और फिर भगवान गणेश को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाता है।
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सत्यनारायण कथा के अंतर्गत गणेश पूजा |
पृथक कार्यों के लिए लोग बुलाए जाते हैं और फिर भगवान गणेश को आमंत्रित कर सम्मानित किया जाता है।
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